Nios English 302 Chapter 1- My first steps

e – learning tv ( our admission desk ) के द्वारा admisson लिऐ सभी उम्मीदवारों का हमारी आज की इस कक्षा में हार्दिक स्वगत है।


आज की इस class में हम आपको Nios ( 302 ) chapter 1 करने वाले है l आज हम आपको My first steps chapter की हिंदी summary with word meanings and important questions आपको बताएंगे


Nios ( 302 ) chapter 1 Summary


आपको इसकी summary ( सारांश ) अच्छी तरह से समझ आय इसलिए हमने इसे 5 part में divide किया हैl तो चलिए शुरू करते है।

Part1:- Sunil gavaskar ji का जन्म 10 august 1949 को एक अस्पताल में हुआ था वो बताते है l जन्म के समय उनके नानकाका Mr Naryan Murti उन्हे देखने आते है। वे उनके कान के नीचे (earlobe ) एक। छोटा सा छेद है। फिर अगले दिन जब दोबारा आए तो उन्हें वह छेद नही मिला इसका मतलब था की बच्चे की अदला बदली हो गई है। यह जानकर उनके नानकाका और family members हंगामा कर देते है l जिसके बाद सभी बच्चों को check किया जाता है। बाद मे सुनील जी एक fisherwomen के बगल के पालने में मिलते है। और fisherwoman का बच्चा सुनील जी के मां के बगल वाले पालने मे होता है। यह अदला – बदली लापरवाही के कारण होती है। अस्पताल का पूरा staff उनसे माफी मांगता है। सुनील जी कहते है। अगर वो उस दिन नही मिलते तो आज वो cricket नही बल्कि कोई fisherman होते और मछ्ली पकड़ने का काम कर रहे होते ।

part 2 – इसके Sunil gavskar जी अपने बचपन के बारे में बताते है। वो बताते है।

Part 3 – वह बताते है l की बचपन में। वह अपनी मां के साथ cricket खेलते थे। वे बताते है। की एक बार उनकी मां balling कर रही थी तभी उन्होंने इतनी जोर से ball मारी की Ball उनकी मां की नाक पर जाकर लगी जिससे उनकी नाक से खून बहने लगा फिर उनकी मां उन पर गुस्सा करने के बजाए मुंह धोकर फिर से Balling करने लगती है l
Part 4– सुनील जी बताते है। की cricket उनके खून में था यानी cricket उन्हे विरासत में मिली थी उनके पिताजी जी एक अच्छे club Cricketer थे उनकी माता जी उनके साथ खेलती थी और cricket के लिऐ उन्हे प्रेरित करती रहती थी इसके अलावा उनके माधव मंत्री भी इंडिया के लिऐ Official test series खेलें थे। इसलिये सुनील गावस्कर जी कहते थे। की क्रिकेट उनके खून में था यानी उन्हे विरासत में मिली थी

Para 4 इस paragraph में सुनील गावस्कर जी अपने uncle माधव मंत्री के बारे में बताते है। वे बताते है। की जब भी वे उनके घर जाते थे । तब उन्हे उनके pullovers ( cricket dress ) देखना बहुत अच्छा लगता था। पर कभी उनसे मांगने की हिम्मत नहीं हुई उनके uncle हमेशा यह कहकर टाल देते थे l की “इसे पाने के लिऐ तुम्हे पसीना बहाना होगा तुम्हे खेलना होगा , जीतना होगा , इसे पाने का कोई भी shortcut नही है। इन सब के अलावा उनके पास कई सारी ट्रॉफिया भी थी और उनके पास 1952 भारत – इंग्लैंड मैच के stumps थे जीन पर सभी खिलाड़ियों के aitograph भी थे।

Para 5 paragraph में सुनील जी अपने बचपन के दोस्तो के बारे में बताते है। वे अपने दोस्तो के साथ क्रिक्रेट खेलते थे जिसमे वे 1:50 की ट्रॉफी रखते थे।

वे। बताते है। उन्हे Batting करना हमेशा से पसंद था वे balling कभी नही करना चाहते थे इसलिए उनका wicket होता था वो अपना bat लेकर घर भाग आते थे।

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