प्रश्न.03 ‘कुटज’ की किन्हीं दो विशेषताओं को अपने शब्दों में प्रस्तुत कीजिए
उत्तर कुटज हिमालय की विरला पहाड़ियों मे उत्पन्न होने वाला एक पौधा है। कुटज की दो विशेषताओ का अपने शब्दों मे वर्णन निम्नलिखित प्रकार से है।
( 1 ) अपराजेय जीवनशक्ति – कुटज ऐसे शुष्क स्थान पर उगता है। जहाँ कोई डूब भी नहीं उग सकता। परन्तु ऐसे स्थान पर भी कुटज सभी सभी कठिनाइयों से लड़ते हुए अपने अपराजेय जीवनशक्ति की घोषणा करता है।
( 2 ) स्वालम्बी तथा स्वाभिमनी स्वाभाव – कुटज ऐसे स्थान पर उगता है। जहाँ खाद, मानव श्रम, कीटनाशक आदि की सहायता से भी कोई पौधा नहीं उगाया जा सकता ऐसे स्थान पर कुटज बिना किसी सहायता के रहता है। यह उसके स्वाभिमानी तथा स्वालम्बी स्वाभाव को दर्शाता है।
( 1 ) अपराजेय जीवनशक्ति – कुटज ऐसे शुष्क स्थान पर उगता है। जहाँ कोई डूब भी नहीं उग सकता। परन्तु ऐसे स्थान पर भी कुटज सभी सभी कठिनाइयों से लड़ते हुए अपने अपराजेय जीवनशक्ति की घोषणा करता है।
( 2 ) स्वालम्बी तथा स्वाभिमनी स्वाभाव – कुटज ऐसे स्थान पर उगता है। जहाँ खाद, मानव श्रम, कीटनाशक आदि की सहायता से भी कोई पौधा नहीं उगाया जा सकता ऐसे स्थान पर कुटज बिना किसी सहायता के रहता है। यह उसके स्वाभिमानी तथा स्वालम्बी स्वाभाव को दर्शाता है।