प्रश्न 1 आपने “ इसे जगाओ “ कविता पढ़ी । कविता का मूल संदेश ग्रहण कर आप अपने दैनिक जीवन में क्या परिवर्तन करना चाहेगें ?
उत्तर .“ इसे जगाओ “ प्रस्तुत कविता छायावादी शैली में रचित एक व्यंगात्मक कविता हैं। जिसमें कवि ने विभीन्न प्रतिको के माध्यमों से मनुष्यो के काम ना करने की प्रकृति के प्रति व्यंग किया है। कविता का मूल संदेश ग्रहण करके हम अपनें दैनिक जीवन में निम्नलिखित परिवर्तन करना चाहेगें।
1.आलस्य का त्याग – कविता के अनुसार यदि हमें जीवन में सफल होना है। तो हमे आलस्य का त्याग करना होगा।
2. लक्ष्य के प्रति लगन – हमे अपनें कार्य को पुरे लगन के साथ करना चाहिए। इसलिए हमे सदैव जल्दी उठना चाहीए।
3. लक्ष्य के प्रति सतर्कता – हमे हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति सावधान रहना चाहिए साथ ही हर कदम सोच – समझकर उठाना चाहिए l
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प्रश्न 2 “ गिल्लू “ पाठ में लेखिका की संवेदना अत्यंत प्रेरणादायक है। टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर. प्रस्तुत कथन पूर्णतः सार्थक की “ गिल्लू पाठ में लेखिका की संवेदना अत्यंत प्रेरणादायक है। “ इस पाठ में लेखिका एक घायल गिलहरी की जान कौओं से बचाती हैं। फिर उसका उपचार करती है। साथ ही उसके संपूर्ण जीवन मृत्यु आने तक उसका बच्चे की तरह ध्यान रखती है।
यह मानवीय संवेदना हमारे लिऐ अत्यंत प्रेरणादायक है। हमे भी इसी तरह से घायलों की सहायता की सहायता करनी चाहिए तथा अन्य कार्यों में भी सभी को सहयोग प्रदान करनी चाहिए ये ही मानवता का मूल धर्म भी है।
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प्रश्न .3 आपकी दृष्टि में क्या “ भारत की ये बहादुर बेटियां “ पाठ का शीर्षक उपयुक्त है ? अपनी सहमति तथा असहमति तर्क सहित स्पष्ट किजिए ?
उत्तर. हमारी दृष्टि में भारत की ये बहादुर बेटियां पाठ का शीर्षक उपयुक्त है। हम इससे पूर्णतः सहमत है। क्योंकि इसमें भारत की बहादुर बेटियो का गौरवगान किया गया है। इसके पक्ष में तर्क निम्नलिखित प्रकार से है।
1.कल्पना चावला – यह अंतरिक्ष में जानें वाली पहली भारतीय महिला थीं । इन्होंने पहली बार 19 नवंबर 2023 को कोलंबिया अंतरिक्ष यान द्वारा अंतरिक्ष की पहली सफल यात्रा की तथा दूसरी बार कैनेडी अन्तरिक्ष केंद्र से 16 फरवरी 2003 को अन्तरिक्ष यात्रा की परंतु अंत वापस आते समय इनका यान दुर्घटना ग्रस्त हो गय और भारत की इस बेटी का निधन हो गया ।
2.बछेंद्री पाल –इनका जन्म भी भारत में ही हुआ था। यह 23 मई 1984 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय बनी । इन्होंने इससे पहले 1982 में “गंगोत्री”तथा “रुड गैरा” की भी चढ़ाई की थी।
प्रश्न 4 आपने “ बीती विभावरी जाग री “ कविता पढ़ी कविता के काव्य सौंदर्य पर सोदाहरण टिप्पणी किजिए ।
उत्तर . “ बीती विभावरी जाग री “ कविता के काव्य सौंदर्य पर टिप्पणी निम्नलिखित प्रकार से है।
( क ) . प्रसंग – प्रस्तुत कविता तीन अंशो में विभाजित है। पहला अंश बीती …. उषा नागरी तक है। दूसरा अंश खग – कूल …. रस गागरी है। तक है। साथ ही तीसरा और अन्तिम अधरो में …. विहाग री तक है।
(ख ) भाव सौंदर्य – कविता के भावों को तीन अंशो का में कई प्रकार के प्रतिको द्वारा को व्यक्त किया गया है।
1.पहला अंश – एक सखी दुसरी सखी से कहती है। सखी उठ , अब रात बीत चुकी है। यानी सुबह हो गई है । यहां सुबह होने की घटना का कुछ इस प्रकार से मानवीयकरण किया गया है। “स्त्री पनघट पर पहुंचकर घड़ा डुबो रही है।“ यहां स्त्री है उषा , पनघट है। आकाश और घड़ा है तारा , यानी उषा आकाश को तारो में डुबो रही है। यानी सुबह हो रही है।
2. दूसरा अंश – इसमे सखी कहती है। हे सखी अब प्रातः काल हो गया है। इस तथ्य पर बल देते हुऐ वह कहती है। पक्षियों की कलरव यानी चहचहाने की आवाज भी सुनाई दे रही है। और धीमी हवा कपोलो को थिरका रही है। साथ ही लता रूपी गगरी में नई नया रस भर लाई है।
3.तीसरा अंश – कविता के अन्तिम अंश में सखी अपनी दूसरी सखी से कहती है। सुबह हो गई सभी लोग अपने व्यापार मे लग गए है। पर तुम अपनी होठों पर
कभी ना मंद पड़ने वाली राग लिऐ अपने केशो में सुसंगठित वायु समेटे रात की खुमारी लिऐ हुए अभी तक सोई हुई हो ।
( ग ) शिल्प सौंदर्य – कविता को अत्यधिक रोचक बनाने के लिऐ कई प्रकार के शिल्पो का प्रयोग किया गया है।
1. बोली – कविता में खड़ी बोली का प्रयोग बड़ी सटीकता से किया गया है। जो आज हिन्दी की मानक भाषा है।
2. शब्द – इसमें तत्सम शब्दों का बाहुल्य प्रयोग किया गया है। उदाहरण के लिए अंबर खग इत्यादि
3.मानवीय अलंकार –कविता में मानवीयकरण अलंकार का प्रयोग सर्वाधिक किया गया है। उदहारण के लिऐ “ लो यह लतिका भी भर लाई..” इत्यादि
4.रूपक अलंकार – रूपक अलंकारों का भी काफ़ी सटीकता से इस्तेमाल किया गया है। उदहारण के लिऐ” मधु मुकुल नवल..”पंक्ति में रूपक अलंकारों का प्रयोग किया गया है।
प्रश्न 5 अपनी पसंद के किसी एक कवि अथवा लेखक की कम से कम तीन रचनाएं पढ़िए और उनका संक्षिप्त परिचय देते हुऐ एक रचना का मूल संदेश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर . हमारी पाठयपुस्तक में संकलित “ शतरंज के खिलाड़ी” के लेखक मुंशी प्रेमचंद जी मेरे सबसे प्रिय लेखक है। इस रचना में उन्होने वाजिद अली के
शासनकाल का यथार्थ चित्रण किया है। कहानी में राजा को शतरंज खेलते हुए तथा भोग विलासिता में लिप्त दिखाया गया है। और प्रजा की दयनीय स्थिति को
दर्शाया गया है। इस रचना के आलावा हमारे द्वारा पढ़ी हुई प्रेमचंद जी की तीन अन्य रचनाओं का वर्णन निम्नलिखित प्रकार से है
1.ईदगाह – यह रचना मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा रचित सबसे प्रमुख रचनाओं में से एक है। यह कहानी हामिद नाम के चार साल के लडके की है। जिसने कुछ समय पहले अपनें मां – बाप को खो दिया था । वह अपनी दादी के साथ रहता है l ईदगाह जाते समय उसकी दादी उसे कुछ पैसे देती है। उसके सभी दोस्त अपनी पसंद के खिलौने लेते है। पर वो अपनी दासी लिऐ एक चिमटा लेता है। जिसे देखकर उसकी दादी प्रेम और करुणा के आसू रोने लगती है।
2. नमक का दारोगा – यह कहानी उस समय से सम्बन्धित है। जब सरकार ने नमक बनाने और बेचने पर कई तरह के टैक्स लगा दिए थे। उस समय एक नामी व्यापारी जिनका नाम आलोपिदीन होता है। वह नमक की कालाबाजारी में शामिल था उसे दरोगा बंशीधर द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाता था वे उस दरोगा बहुत
लालच देता है। पर वो नही मानता बाद में वह व्यापारी अपने पैसों के बल पर बाहर आ जाता है। और दरोगा को नौकरी से भी हटवा देता है। पर बाद में उसे अपनी गलती का एहसास होता है। और उस दरोगा की ईमानदारी देखकर उसे अपनी कंपनी का मैनेजर घोषित कर देता है।
3.दो बैलों की कथा – इस कहानी में दो बैलों हीरा तथा मोती जो अपने मालिक से बहुत प्यार करते थे उनका वर्णन है। एक बार मालिक उन दोनों को अपने एक रिश्तेदार के पास काम करने के लिए भेज देता है। वो उनसे बहुत काम करवाता
और खाना भी नहीं देता था इसलिए उन्होने दो बार भागने की कोशिश की पहली बार सफल रहे पर दुसरी बार पकड़े गए और कंजीहौस में डाल दिए गए जहा से
उन्हे एक कसाई ले जाता है। तभी उन्हें अपना घर दिखाई देता है। तो उस वे कसाई को लात मारकर घर आ जाते हैं।
“ नमक का दरोगा” कहानी का मूल संदेश –नमक का दरोगा कहानी हमे धन और भ्रष्टाचार पर ईमानदारी और सत्य की जीत का मूल संदेश देती है। इस कहानी से हमे पता चलता धन चाहे कितना भी बलवान क्यों ना हों एक दिन वह ईमानदारी और सच्चाई की ताकत के आगे जरूर झुकती है।
प्रश्न 6 भारत में करियर के रूप में सर्वाधिक नए उभरते पांच। विकल्पो के बारे में संपूर्ण जानकारी एकत्रित कीजिए ।और फाइल तैयार कीजिए।
उत्तर. भारत में आय दिन करियर विकल्प अपना स्वरूप बदलते रहते है। कुछ विकल्प नए आयामों का रूप ले लेते है। तो कुछ समाप्त हो जाते है । भारत करियर विकल्प के रुप में सर्वाधिक नए उभरते पांच विकल्प निम्नलिखित प्रकार से है ।
1. सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग – वर्तमान समय में भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सार्वधिक उभरते हुए करियर विकल्पों में से एक है। इंजीनियरिंग की इस शाखा कंप्यूटर, मोबाइल एप्स , वेबसाइट को बनाना, डिजाइन करना आदि चीजें शामिल है।
2. पत्रकारिता – आज के दौर में पत्रकारिता भी करियर के उभरते हुए नए विकल्पों में से एक है। इसके माध्यम से युवा विभिन्न प्रकार के समाचार पत्रों तथा चैनलो विभिन्न पदों पर कार्यरत हो सकते है। इसका दिन – प्रतिदिन और अधिक विस्तार हो रहा है l
3.होटल प्रबंधन –यह अतिथ्यक उद्योग का एक क्षेत्र है। जिसमें होटल संस्थानों का संचालन शामिल है। इसके अंतर्गत एक उम्मीदवार होटल प्रबंधक के रूप में होटल ,रिसॉर्ट तथा अन्य आतिथ्य संस्थाओ में काम कर सकते है।
4. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग – वर्तमान समय की मांग को देखते हुए यह क्षेत्र भी करियर के रूप में चुने जाने वाले विकल्पों में अग्रणी है। क्योंकि वर्तमान समय इलेक्ट्रिक उपकरणों का ही है। आज सभी डीजल, पेट्रोल से चलने वाली चीजें इलेक्ट्रिक उपकरणों का रूप ले रही है।
5. स्वास्थ्य तथा शिक्षा – आज के समय में शिक्षा तथा स्वास्थ्य क्षेत्र भी हमारी अर्थव्यव्स्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। बढ़ती जनसंख्या के कारण इन दोनों ही क्षेत्रो में रोजगार के कई छोटे – बड़े विकल्प मौजूद है।
उपरोक्त वर्णित पांचों ही करियर विकल्प भारत में करियर के रूप में सर्वाधिक उभरते विकल्पों के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करते है