प्रश्न 1 स्वतंत्रता के किन्ही दो सुरक्षा उपायों को चिन्हित कीजिए ।
उत्तर – किसी अन्य व्यक्ति के अधिकारों का हनन किए बिना व्यक्ति द्वारा अपने अधिकारों का बिना किसी रोक टोक , दवाब के उपयोग करना स्वतंत्रता कहलाता है। स्वतंत्रता के दो सुरक्षा उपाय निम्नलिखित्त है।
1. अधिकारों की घोषणा – हमारे संविधान मे व्यक्ति द्वारा उसके अधिकारों के घोषणा को स्वतंत्रता का सबसे प्रमुख रक्षक माना गया है। क्योंकि इसके द्वारा व्यक्ति के अधिकारों की सरकार तथा बाहरी अन्य शक्तियों से रक्षा होती है।
2. कानून नियम तथा उनमें समानता – कानून के नियम भी व्यक्ति की स्वतंत्रता में योगदान देते है। नियमो में समानता से सामाजिक न्याय तथा आर्थिक समानता द्वारा व्यक्ति की स्वतंत्रता कि रक्षा होती है।
प्रश्न 2 भारतीय संविधान की प्रस्तावना के किन्ही दो उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर – हमारे भारतीय संविधान की शुरूआत एक प्रस्तावना के साथ हुई है। प्रस्तावना हमारे सविधान के लक्ष्यों व उद्देश्यों की व्याख्या करती है। संविधान की प्रस्तावना के दो उद्देश्य निम्नलीखित है।
1. संप्रभुता तथा पंथ निरपेक्षता – भारत को एक गणराज्य के रूप में प्रदर्शित किया गया है। जो अपने सभी फैसले संप्रभुता के साथ ले सकता है। यानि बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के अपने सभी फैसले ले सकता है। साथ ही यह पंथ – निरपेक्ष राष्ट्र होगा जिसका अपना कोई राष्ट्रीय धर्म नही है।
2.न्याय तथा स्वतंत्रता – यह हमारी प्रस्तावना की दुसरी मुख्य विशेषता है। न्याय और स्वतंत्रता को भी शामिल किया गया है । क्योंकि न्याय लोगों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने के साथ – साथ निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी भागीदार बनाता है । साथ ही प्रस्तावना में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भी शामिल किया गया होगा।
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प्रश्न 3 विश्व बैंक के किन्ही दो कार्यों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर –विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र संघ की एक वित्तीय संस्था है। इसका पूरा नाम अन्तरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक ( IBRD) है। विश्व बैंक के दो कार्य निम्नलीखित है।
1. ऋण प्रदान करना – यह विश्व बैंक का सबसे पहला तथा महत्वपूर्ण कार्य है। विश्व बैंक अपने सदस्यों तथा अन्य देशों को ऋण प्रदान करता है।
2.गारंटी तथा प्रशिक्षण देना – कुछ मामलों में विश्व बैंक स्वयं ऋण ना देकर अपनी गारंटी पर दूसरे बैंक से ऋण भी दिलवाता है। इसके आलावा अपने सदस्य देशों आर्थिक प्रशिक्षण भी देता है।
प्रश्न 4 भारतीय उच्च न्यालय के मूल अधिकार क्षेत्रों की चर्चा कीजिए।
उत्तर – उच्च न्यायालय राज्य का सबसे बड़ा तथा प्रमुख न्यायलय होता है। वर्तमान समय में भारत मे कुल 25 उच्च न्यालय है। उच्च न्यायालय के पास कुछ मामलों में सीधी कार्यवाही का अधिकार होता है । इन्हे क्षेत्रीय अधिकार कहते है । तथा कुछ मामले निम्न न्यालय से स्थांतरित होकर इनके पास आते है।
उच्च न्यायलय को इन पर भी कार्यवाही का अधिकार है। ये अपीलीय अधिकार कहलाते है। उच्च न्यायालय के मूल अधिकार क्षेत्र निम्नलिखित प्रकार से है ।
1.जनहित याचिका दायर करने का अधिकार – संविधान द्वारा उच्च न्यायालय को जनहित याचिका दायर करने का अधिकार प्रदान किया गया है। यानि जब राज्य या अन्य किसी तत्व द्वारा मूल अधिकारों की उपेक्षा की जाती है। तब उच्च न्यायलय इसका इस्तेमाल कर सकता है। ये निर्देश राज्य के किसी पदाधिकारी की तरह ही होते है।
2.राजनीतिक मामलों के विरुद्ध सुनवाई – उच्च न्यायालय किसी भी सांसद तथा विधायक के खिलाफ़ दायर की गई याचिका के प्रति सुनवाई कर सकता है। और यदि चुनाव में किसी प्रकार का भ्रष्टाचार पाया जाता है। तो चुनाव को रद्द किया जाता है ।
3.निम्न स्तरीय न्यायलायो के फैसलों के विरुद्ध सुनवाई – उच्च न्यायलय के पास निम्नस्तरीय न्यायालय के फैसलों के विरुद्ध सुनवाई करने का अधिकार भी होता है। यदि कोई व्यक्ति निम्न स्तरीय न्यायालय के फैसले से संतुष्ट नही होता है तो वे उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है। उच्च उच्च में न्यायलय दोबारा से मामले की सुनवाई की जाती है।
4. अधीनस्थ न्यायालयों के अधीक्षण का अधिकार – उच्च न्यायलय न्यायिक तथा प्रशासनिक सभी मामलों में निम्न स्तरीय न्यायलय पर नियंत्रण तथा निरक्षण कर सकता है।
5.दण्ड देने का अधिकार ( अभिलेख न्यायलाय ) – उच्च न्यायलय भी सर्वोच्च न्यायलय की तरह ही एक अभिलेख न्यायलय है। यानि उच्च न्यायलय के सभी
फैसलों को अधिनस्थ न्यायलय मानने को बाध्य है। अगर फैसलों को मनाने से इंकार किया जाता है। तो उच्च न्यायालय दण्ड देने की शक्ती भी रखता है।
प्रश्न 5 शीत युद्ध के बाद भारत – रूस संबंधों का विश्लेषण कीजिए ।
उत्तर – शीत युद्ध दौर 1945 – 1991 के बीच चला शीत युद्ध विश्व की दो महाशक्तियों अमेरिका तथा सोवियत संघ के बिच विचारधाराओ का युद्ध था । 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद तत्कालीन रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने भारत के साथ व्यावहारिक नवीनीकरण के कई मित्रता और सहयोग से संबंधित हस्ताक्षर किए । शीत युद्व के बाद भारत – रूस संबंधों का विश्लेषण निम्नलीखित प्रकार से है।
1.सहयोग संधि (1993 )- 1993 में राष्ट्रपति येल्तनिस ने भारत का दौरा किया । इस दौरान उन्होंने कई सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किया । इस संधि के तहत के पिछली संधि के सभी उपबंधो को हटा दिया गया । तथा रुपया और रूबल के विनिमय पर समझौता किया गया साथ ही सैन्य क्षेत्र में भी सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर हुए ।
2. अंतराष्ट्रीय आतंकवाद की घोषणा पर हस्ताक्षर ( 2001 ) – भारतीय प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने 2001 मे रूस का दौरा किया ज्यादा सस्ते तथा उच्च गुणवत्ता वाले सैन्य अस्त्रो का निर्यात करता है। इसमें मिग 21 ( लड़ाकू विमान ), टी 72 एम – एल (युद्ध टैंक ), अकला 2 , ( पनडुब्बी ) जैसे प्रभावी हथियार शमिल है।
5.वर्तमान संबंध –वर्तमान समय में भी भारत – रूस के विचार अंतराष्ट्रीय परिपेक्ष्य में काफी मिलते है। दोनो देशों के बीच आर्थिक , ऊर्जा आदि जैसे क्षेत्रों में काफी सहयोग है।
अतः उपरोक्त वर्णित पांचों तत्वों के आधार पर हम यह कह सकते है । की शीत युद्ध के बाद से ही भारत और रूस में मैत्री संबंध कायम है। दोनो देशों व्यापार आपसी सहयोग तथा मित्रता के संबंध है।
प्रश्न 6 अपने आस पास मौजूद 20 परिवारों का सर्वेक्षण करे नीचे दी गई जानकारी के आधार पर दो सूची बनाइए।
( I ) भारतीय संविधान के अनुसार नागरिकों को उपलब्ध प्रमुख मानवाधिकारों की सूची।
उत्तर – मानवाधिकार हर व्यक्ति का प्राकृतिक तथा नैसर्गिक अधिकार है।
ये किसी राजा या फ़िर राजनीतिक संप्रभु द्वारा दीया गया उपहार या परितोषिक ( इनाम ) नही है। बल्कि ये वे अधिकार है। जो मानव अस्तित्व में समाहित ही रहते है । अपने आस – पास 20 परिवारों का सर्वेक्षण करके हमने निम्नलीखित मानवाधिकारों की सूची बनाई ।
1.समान कार्य के लिऐ समान वेतन का अधिकार – इस मानवाधिकार के तहत समाज के सभी वर्गों चाहे वह पुरूष हो या महिला या फ़िर ऊंची जाति का हो या नीची जाति का सभी को समान कार्य हेतु समान वेतन का प्रावधान है ।
2. काम करने के नियोजित तथा उचित मानवीय स्थिति के प्रावधान का अधिकार – इस मानवाधिकार के तहत हर सभी कार्य स्थलो को यह आदेश दिया जाता है। की वह अपने यहां काम करने का समय तथा वेतन निश्चित करे। साथ ही सभी सुरक्षा उपकरणों के साथ उचित मानवीय स्थिति में ही मजदूरों से काम करवाया जाए ।
2. कानून के समक्ष समानता का अधिकार – इस मानवाधिकार के तहत सभी व्यक्तियों के लिऐ चाहे वह पुरूष हो या महिला ऊंची जाति का हो या नीची जाति का सभी के लिए सामान कानून व्यवस्था का प्रावधान है।
4.कमजोर वर्गो के हितों के प्रोत्साहन का अधिकार – इस मानवाधिकार के तहत कमजोर वर्गो को कई तरह की रियायतें जैसे सरकारी क्षेत्रों तथा राजनीति में आरक्षण का प्रावधान है। इसके आलावा और भी कई तरह के हितों प्रोत्साहित किया जाता है।
( ii ) संविधान में सूचीबद्ध प्रमुख मानवाधिकारों की प्राप्ति में लोगो के सामने आने वाली चुनौतिया
इस सर्वेक्षण के आधार पर अपना निष्कर्ष लिखिए
उत्तर – अपने आस पड़ोस के 20 परिवारों का सर्वेक्षण करके हमने निम्नलीखित चुनौतियों की सूची बनाई जो लोगों को मानवाधिकारों की प्राप्ति के लिऐ सामने आती है।
1.कार्य के समान वेतन अधिकार की अवहेलना – सर्वेक्षण के दौरान हमे पता चला की कई मालिक इस नियम का पालन नही करते महिलाओ को समान कार्य होते हुए भी पुरुषो से कम वेतन दिया जाता है ।
2.काम करने करने के लिऐ न्योचित नियम तथा उचित मानवीय स्थिति के अधिकार की अवहेलना – सर्वेक्षण के दौरान हमे यह पता चला इसकी भी अवहेलना