Nios Social science solved TMA 202-23 । Nios Social science solved assignments 2022-23 । Nios Solved TMA Pdf 2023


प्रश्न 1 भारत में जैन और बौद्ध धर्म के उदय के लिऐ उत्तरदायी किन्ही दो कारणों का विश्लेषण करे !
उत्तर.छठी शताब्दी ईसा पूर्व के समय लोगो ने मौजूदा धर्म मे उपस्थित कुछ चीजों के खिलाफ असंतोष व्यक्त किया यही असंतोष बौद्ध तथा जैन धर्म के उदय के कारण बने बौद्ध तथा जैन धर्म के उदय के दो कारण निम्नलिखित है।

1. कर्मकांडी ब्राह्मणवाद – समाज कई वर्गो में विभाजित था । जिसमे ब्राह्मण को सर्वोपरि स्थान प्राप्त था लोगो को इससे असंतोष था।

2. बलि प्रथा – बिना किसी दोष के किसी प्राणी की निर्मम हत्या करना यानि बलि प्रथा के प्रति भी लोगों ने असंतोष व्यक्त किया ।




प्रश्न 2 ‘ तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कई दुष्परिणाम है।’ कथन को सिद्ध कीजिए ।
उत्तर
‘तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कई दुष्परिणाम है।’ प्रस्तुत कथन पूर्णतः सार्थक है। शहरीकरण का अर्थ होता है। ग्रामीण क्षेत्रों से लोगो का शहर में जाकर रहना काम करना यही शहरीकरण कहलाता है। शहरीकरण के दुष्परिणाम निम्नलीखित है।

1. आवास कमी – शहरीकरण प्रक्रिया से आवास की कमी हों जाती है।

2. अतिक्रमण – जल बिजली तथा पर्यावरण आदि संसाधनों का अतिक्रमण होता है।


प्रश्न 3 लोकतंत्र मे जनमत के महत्व की जांच कीजिए ।
उत्तर.
किसी भी सार्वजनिक विषयो या मुद्दों पर लोगो की सहमति या सुविचारित राय को जनमत कहा जाता है। लोकतंत्र में जनमत का महत्व निम्नलिखित है। 1. असीमित शक्ति पर प्रतिबंध – एक जागरूक और स्वतंत्र जनमत असीमित शक्तियों पर प्रतिबंध लगाता है।

2.शक्ति प्रदान करता है। – जनमत सरकार को जनहित में कानून बनाने के लिऐ शक्ति प्रदान करता है।

3. प्रोत्साहित करता है। – जनमत से जनता अपनी आकांक्षाओं के प्रति प्रोत्साहित होते है।

उपरोक्त तीनों तथ्य लोकतंत्र में जनमत के महत्व का वर्ण वर्णन करते है।



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प्रश्न 4 भारत में खेती के विभिन्न प्रकारों का विश्लेषण कीजिए। और अपने विश्लेषण के आधार पर सुझाईए कि आपके क्षेत्र में खेती के कौन से प्रकार उपयुक्त होंगे । अपने सुझाए गए तरीके के समर्थन में किन्ही चार कारणों का उल्लेख करे
उत्तर .
भारत भौगोलिक विवधताओ का देश है । इसलिए यहां विभिन्न स्थानों पर विभिन्न पतरीको से खेती की जाती है। खेती के विभिन्न प्रकार निम्नलिखित है।

1. निर्वाह कृषि – निर्वाह कृषि का अर्थ होता है। केवल स्वयं के उपभोग के लिऐ खेती करना दूसरे शब्दो में कहे तो उत्पादन का बड़ा भाग का उपभोग किसान और उसके परिवार द्वारा किया जाता है। बाजार में बेचने के लिऐ कुछ भी अधिशेष नही रहता ।

2. वाणिज्यिक कृषि – यह निर्वाह कृषि के विपरीत है। इसमें उत्पादन का बड़ा भाग बाजार में बेचा जाता है। इसमें रासायनिक खाद तथा आधुनिक तकनीक द्वारा कृषि की जाती है।

3. गहन और विस्तृत कृषि – विस्तृत कृषि का अर्थ होता है। जमीन के किसी बड़े भू भाग पर कृषि करना यहां प्रति इकाई भूमि से कम वही गहन कृषि में प्रति इकाई भूमि से ज्यादा उत्पादन अंकित किया जाता है।

4. वृक्षारोपण कृषि – यह बगान कृषि का कृत्रिम रूप है। इस प्रकार की कृषि में एक ही प्रकार की फसले उगाना तथा उनका प्रसंस्करण शामिल है।

5. मिश्रित कृषि – कृषि के इस प्रकार में कृषि के साथ साथ पशुपालन भी किया जाता है।

उपरोक्त भारत में किए जाने खेती के विभिन्न प्रकार है। इनमे से वाणिज्यिक खेती हमारे यहां सबसे उपयुक्त रहेगी इसके चार कारण निम्नलीखित है।

1. वाणिज्यिक कृषि में बड़ी मात्रा में भूमि की आवश्यकता होती है। हमारे क्षेत्र ग्रामीण होने के कारण यहां उपलब्ध है।

2. हमारे क्षेत्र की शहर से निकटता होने के कारण यहां कीटनाशक खाद भी उपलब्ध हो जाते है।

3. हमारे यहां अच्छे बाजार भी उपलब्ध है।

4.हमारे यहां सिंचाई की भी सुविधा उपलब्ध है।


5 पंचायती राज व्यवस्था पर 73वे संशोधन अधिनियम 1992 के प्रभाव का विश्लेषण किजिए ।
उत्तर
73वे संविधान संशोधन को 1992 में पारित किया गया । इसी संविधान संशोधन में पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया i 73 वे संविधान संशोधन 1992 के प्रभावों का विश्लेषण निम्नलीखित प्रकार से है।

1. त्रि – स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना – यह इस संशोधन का सबसे पहला तथा महत्वपूर्ण सशोधन था इसमें पंचायत राज को गांव स्तर , प्रखंड स्तर तथा जिला स्तर ( जिला परिषद मे बाट दिया ।

2. नियमित चुनाव – इस संशोधन के बाद से हर 5 वर्ष में चुनाव करवाना अनिवार्य कर दिया गया

3. महिला आरक्षण – संशोधन के बाद से पंचायती राज संस्थाओं के तीनो स्तर पर एक – तिहाई सीटे आरक्षित कर दी गई

4. जाति आरक्षण – अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण

5. चुनाव आयोग स्थापना – एक चुनाव आयोग की स्थापना की गई जो पंचायती राज संस्थाओं का चुनाव कराएगी

6. नियोजन समिति स्थापना – जिले के विकास हेतु नियोजन समिति की स्थापना ।

7. ग्राम सभा की स्थापना – ग्राम स्तर पर निर्णय लेने वाली संस्था के रूप में ग्राम सभा की स्थापना

8. राज्य वित्त आयोग की स्थापना- राज्य वित्त आयोग की स्थापना की गई जो पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिऐ सुझाव देगी


प्रश्न 6 अपने आस – पड़ोस के 10 परिवारों का सर्वेक्षण किजिए और दो सूची बनाईए ।

( i ) चुनाव संबंधी समस्याओं की सूची बनाओ ।
उत्तर
अपने आस पड़ोस के 10 परिवारों का सर्वेक्षण करके हमने निम्नलिखित चुनाव संबधी समस्याओं की सूची बनाई ।
1. चुनाव के दौरान अपराधीकरण – कई बार उम्मीदवार मतदाताओं को डराकर मतदान करवाते है। उन्हें इस चीज़ की चिंता है।

2. धन और बाहुबल का प्रयोग – कई बार उम्मीदवार द्वारा मतदाताओं को धन या किसी और वस्तु का लालच देकर भी मतदान करवाया जाता है।

3. सरकारी तंत्रों का दुरुपयोग – कई बार उम्मीदवार द्वारा सरकारी तंत्रों जैसे वाहन आदि का प्रयोग मतदान मे करवाया जाता है। उन्हें इसकी भी चिन्ता है।

4. फर्जी मतदान – कई बार उम्मीदवार द्वारा बूथ पर कब्जा करके भी मतदान करवाए जाते है। उन्हे इसकी भी चिन्ता है।


( ii ) लोगो द्वारा सुझाए गए चुनाव सुधार की सूची बनाइए इस सर्वेक्षणं के आधार पर अपना निष्कर्ष लिखिए
उत्तर.
सर्वेक्षण के दौरान लोगो के द्वारा सुझाए गए चुनाव सुधारों की सूची निम्नलिखित प्रकार से है।

1. चुनाव के दौरान अपराधीकरण को रोकने के लिऐ चुनाव कानून को और सख्त बनाया जाएं ।

2. धन और बाहुबल की भूमिका कम की जाएं

3. सरकारी तंत्रों के दुरुपयोग को रोका जाए। साथ ही चुनाव खर्चों को कम करने के लिऐ खर्च का वहन सरकार द्वारा किया जाए ।

4. फर्जी मतदान तथा अन्य अपराधिक तत्वों से निपटने के लिऐ चुनाव प्रणाली को और अधिक लोकतांत्रिक बनाया जाए।

निष्कर्ष – सर्वेक्षण के आधार पर हमने यह निष्कर्ष निकाला की मतदान की प्रक्रिया बहुत ही जटिल होती है। इसको लेकर लोगों मे कई चिंताएं होती है। साथ ही इनके समाधान भी है। सरकार द्वारा इन सभी समस्याओं के निवारण पर काफी जोर भी दिया जाता है।

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