विज्ञान और प्रौद्योगिकी मे मापन । NiosScience and technology Chapter 1। Question and answers ।


Science And technology (216 ) की आज की इस कक्षा में हमारे द्वारा admission लिए गए सभी उम्मीदवारों का हार्दिक स्वागत है ।
आज की इस कक्षा में हम आपकी पुस्तक का chapter – 01 विज्ञान और प्रौद्योगिकी मे मापन करने वाले है। यह कक्षा हमारे हिन्दी MEDIUM वाले उम्मीदवारों के लिय है। और english medium वाले सभी उम्मीदवार यहां इस link करके english medium में देख सकते है।

हमने आपके इस पाठ के सभी तत्वों को 6 प्रश्नों में विभाजित कर दिया है। अगर 6 प्रश्न समझ लेते है। तो आपको किताब उठाने की कोई जरूरत नही है। इसलिए आपको शुरु से लेकर अंत तक इस कक्षा मे बने रहना है। तभी आपको सारी चीजे समझ आयेगी और अगर कोई doubt रहता है। तो आप निचे comment Box में पूछ सकते है। या फ़िर हमारी whatsapp helpline पर भी पूछ सकते है।


विज्ञान और प्रौद्योगिकी मे मापन ( measurement In science And technology ) question answers

प्रश्र 1 मापन क्या है ?
Ans किसी भी भौतिक राशि का परिमाण संख्याओं मे व्यक्त करने को मापन कहा जाता है। यही मापन की सार्वभौमिक परिभाषा है। मापन प्रक्रिया को पैमाने की सहायता से पूर्ण किया जाता है। विभिन्न तत्वों के लिऐ विभिन्न प्रकार के पैमाने होते है। जैसे :- द्रव्यमान को किलोग्राम में , दूरी को किलोमीटर में इत्यादि ।

प्रश्र. 2 हमे मापन की आवश्यकता क्यो है ?
Ans . मापन आवश्यक है। उसके कारण निम्नलिखित है।
1. दैनिक क्रियाकलापो में -सर्वप्रथम मापन हमारे दैनिक क्रियाकलापों का एक महत्वपूर्ण भाग है। उदाहरण के लिऐ हम बाजार जाते है। तो वहा हम सब्जियां किलोग्राम मे माप कर करते है।
हमे कही जाना होता है। तो हम दूरी का अनुमान किलोमीटर में लगाते है। br> अतः इस प्रकार हम कह सकते है। की मापन हमारे दैनिक क्रियाकलापों में आवश्यक है।
2. वैज्ञानिक महत्त्व – मापन का वैज्ञानिक महत्त्व भी है। वैज्ञानिक सभी भौतिक अनुमान जैसे रॉकेट को। Space में भेजना आदि सभी मापन की सहायता से ही करते है।

अतः इस दैनिक तथा वैज्ञानिक महत्वो के आधार पर हम कह सकते है। की मापन आवश्यक है।

प्रश्र 3 मात्रक क्या होता है ? साथ ही मात्रक की विशेषताएं भी बताए ?
Ans मात्रक की सार्वभौमिक परिभाषा कुछ इस प्रकार है। – किसी भी भौतिक राशि को मापने के लिऐ एक मान नियत दिया जाता है। इस नियत मान को ही मात्रक कहते है।
उदाहरण के लिऐ द्रव्यमान को मापने के लिऐ किलोग्राम मात्रक का उपयोग किया जाता है। इसका नियत मान 100 gram होता है। इसके अलावा दूरी मापने के लिऐ किलोमीटर का उपयोग किया जाता है। इसका नियत मान 1000 मीटर होता है। इत्यादि


मात्रक की विशेषताएं एक मात्रक में निम्नलिखित विशेषताएं होती है।
1. सुपरिभाषित– मात्रक सुपरिभाषित होता है। यह इसका सबसे पहला गुण है। उदाहरण के लिए किलोग्राम का मान 1000 ग्राम होता है। यह परिभाषित है। इसे कोई बदल नही सकता ।

2.सुविधाजनक – मात्रक सुविधा जनक होता है। यानि इसमें कोई अपवाद नहीं होता

3. संगत – मात्रक संगत भी होता है। यह इसका अन्तिम गुण है।


प्रश्र 4 मूल मात्रक और व्युत्पन्न मात्रक में अंतर स्पष्ट करे ।
Ans . मूल मात्रक तथा व्युत्पन्न मे निम्नलिखित तथ्यों के आधार पर स्पष्ट किया जा सकता है।

मूल मात्रक
(1) वे मात्रक जो एक दूसरे से स्वतंत्र होते है। अर्थात जो एक दूसरे से बदले नही जा सकते जिनका आपस में कोई संबंध नही होता वे मूल मात्रक कहलाते है।

(2) अंतर्राष्ट्रीय पद्धति ( S.I Unite ) में केवल 7 मात्रको को मूल मात्रको की उपाधि दी गई है। जिनका वर्णन कुछ इस प्रकार है।
1. लंबाई का मात्रक – किलोमीटर
2. द्रव्यमान का मात्रक – किलोग्राम
3. समय का मात्रक – सेकंड
4. ताप का मात्रक– केल्विन
5. विद्युत धारा का मात्रक – एम्पियर
6. पदार्थ की मात्रा का मात्रक– मोल मे
7. ज्योत की तीव्रता
– कैंडेला में


व्युत्पन मात्रक
– ( 1) व्युत्पन्न मात्रक स्वतंत्र नही होते अपितु यह मूल मात्रको ( S.I Unites ) की सहायता से बनाए जाते है।

(2) इन्हे केवल मूल मात्रको की सहायता से परिभाषित किया जाता है।

(3) मूल मात्रक ( S.I Unite ) केवल सात होते है। जबकि व्युत्पन्न मात्रक असीमित बनाए जा सकते है। इस उदहारण के माध्यम से आप समझ सकते है। की व्युत्पण मात्रक कैसे बनाए जाते है।
क्षेत्रफल – लंबाई का मात्रक X चौड़ाई का मात्रक
= मीटर X मीटर = मीटर 2

उपरोक्त विवरण – मूल मात्रक और व्युत्पन्न मात्रक का सटीक वर्णन करते है। और दोनो में अंतर स्पष्ट करते है।


प्रश्र 5 S.I prefix यानी ( S.I उपसर्ग ) क्या होता है ?उदाहरण के साथ समझाए ।
Ans जैसा कि अभी हमने पढ़ा S.I का मतलब होता है। मूल मात्रक जिसमे किलोग्राम , किलोमीटर , एम्पीयर , कंडेला , केल्विन , सेकंड , मोल आदि को शामिल किया जाता है।
Perfix ( उपसर्ग ) का मतलब होता है। जो शब्द के आगे लगाए जाते है।
यानि इस हिसाब si perfix की परिभाषा होती है। जो Si Unite के आगे लगाया जाता है। इसका अपयोग मुख्यत बड़े बड़े भौतिक मानो को दर्शाने के लिऐ करवाए जाते है। है।

उदाहरण के लिऐ सूर्य की त्रिज्या 696,340 km है। इसे हम si perfix की सहायता से बड़ी ही आसानी से 696X 108 लिख सकते है।
यानि इन उपसर्गों और घाटों का उपयोग बड़े मानो को व्यकत करने के लिए कहा जाता है।


प्रश्र – 06 S. I मात्रक को लिखने के तीन प्रमुख नियम बताए ?
Ans S I मात्रको को लिखने के तीन प्रमुख नियम निम्लिखित है।

1. शुरूआत में दशमलव का निरूपण – ऐसी संख्या जिनका मान 1 से कम हो उनको लिखने से पहले दशमलव का निरूपण करना आवश्यक है। उदहारण :- 0.958 इस तरह से

2. पूर्ण विराम का प्रयोग नही करना – वाक्यों की समाप्ति के बाद पूर्ण विराम का प्रयोग नहीं करना है।

3. मात्रको और राशि के बीच में स्थान देना – मात्राको और राशि के बीच में स्थान देना अनिवार्य है।
उदहारण :- 10 kg सही है। जबकि 10kg गलत है।

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